साइबरसिक्योरिटी प्रोडक्ट्स एंड सॉल्यूशन ब्रांड Seqrite ने एक नई रिपोर्ट पब्लिश की है जिसके अनुसार 2020 में हर घंटे 13 हजार से ज्यादा मैलवेयर थ्रेट्स मिले हैं. इसमें Trojan मैलवेयर को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया और इसके बाद Infector, Worm और PUA का प्रयोग हुआ.
रिपोर्ट के अनुसार 2020 में कुल 113 मिलियन मैलवेयर थ्रेट्स को डिटेक्ट किया गया जिसमें से 36 मिलियन पहले तिमाही में डिटेक्ट किए गए और जनवरी में सबसे ज्यादा मैलवेयर अटैक हुए.
Covid के आने के बाद ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले लोगों ने नए तरीके के मैलवेयर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. रिसर्चर्स ने इस दौरान अलग तरीके के रैन्समवेयर अटैक को ऑब्जर्व किया. डबल एक्सटॉर्शन एक ऐसा ही उदाहरण है जिसमें ठग लोगों के डेटा को चुराते हैं और फिर लोगों से फिरौती मांगते हैं.
इसके अलावा 2020 में क्रिप्टो-माइनिंग को भी बढ़ता हुआ देखा गया जो एक तरह का साइबर अटैक है. ये अटैक किंग्स माइनर (इंटरनेट पर पैच्ड सर्वर्स पर किया जाने वाला अटैक) और लेमन डक माइनर जैसे नामों के साथ चलाए गए. लेमन डक माइनर एक मोनो क्रिप्टो-माइनिंग मालवेयर है जो किसी संगठन के नेटवर्क संसाधनों को क्रिप्टोक्यूरेंसी माइनिंग स्लेव में परिवर्तित कर देता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2021 में, ये साइबर अटैक प्रिकॉशन बेस्ड से रोकथाम-संचालित हो जाएंगे. इसमें यह कहा गया है कि जैसे-जैसे सरकारें कोरोना के टीके को मुहैया करा रही हैं. वैसे साइबर अटैक करने वाले ठग नए अवसर का लाभ उठाने की कोशिश में लग गए हैं.